एमडीए अभियान के दौरान करें फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन- राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल
राज्य के सभी जिले फाइलेरिया से प्रभावित, सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य लोगों को भी दवा सेवन जरूरी
ANA/ Arvind Verma
पटना। राज्य के 13 जिलों में एमडीए अभियान की शुरुआत 10 अगस्त से हो चुकी है। इस अभियान को सफल बनाने एवं उसमे सहयोग करने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सभी राज्यवासियों से अपील की है। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा फ़ाइलेरिया जिसे हम हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं एक अति गंभीर बीमारी है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है।फ़ाइलेरिया विश्व की दूसरी ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसके कारण लोग पूर्ण रूप से विकलांग हो जाते हैं। राज्यपाल ने कहा बिहार के सभी 38 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं, अर्थात इस राज्य में रहने वाले हम सब लोगों को इस बीमारी के होने का खतरा है। फ़ाइलेरिया का संक्रमण अक्सर बचपन में होता है और हाथीपांव जैसी स्थिति बनने में लगभग 8 से 15 साल का समय लग सकता है। यदि एक बार हाथीपांव वाला फ़ाइलेरिया हो गया तो इसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन इससे बचाव बहुत ही आसान है। इसके लिए वर्ष में सिर्फ एक बार सरकार द्वारा खिलाई जाने वाली फाइलेरिया रोधी सभी दवाएं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने सब को खानी है, यहाँ तक की स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भी। राज्यपाल ने कहा कि 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम ( एमडीए ) आपके जिले में शुरू किया जा चुका है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्ता आपके क्षेत्र में घर-घर जाकर अपने सामने फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिला रहीं हैं। राज्यपाल ने सभी से अनुरोध किया कि पूरे परिवार के साथ इन दवाओं का सेवन स्वास्थ्यकर्मी के सामने करें और बिहार को फाइलेरिया के दंश से मुक्त करें। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि “मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करता हूँ कि वे अपने क्षेत्र में सबको दवा खिलाने में स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करें ताकि बिहार को फाइलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से मुक्त किया जा सके।