दूरसंचार विभाग (डीओटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए अनुपालन, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा प्रबंधन और ग्रामीण मामलों से संबंधित दिशा-निर्देशों का पहला संस्‍करण जारी किया 

दूरसंचार विभाग (डीओटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए अनुपालन, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा प्रबंधन और ग्रामीण मामलों से संबंधित दिशा-निर्देशों का पहला संस्‍करण जारी किया 

दिल्ली। केंद्रीय संचार राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्‍हा ने आज नई दिल्‍ली में दूरसंचार विभाग (डीओटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए अनुपालन, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा प्रबंधन और ग्रामीण मामलों से संबंधित दिशा-निर्देशों का पहला संस्‍करण जारी किया। श्री सिन्‍हा ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान देश के संचार उद्योग में काफी प्रगति हुई है। लाइसेंसधारियों की बड़ी संख्‍या देखते हुए लाइसेंस नीति में एकरूपता,  स्‍पष्‍टता तथा स्‍थायित्‍व की आवश्‍यकता महसूस की जाने लगी है। उन्‍होंने कहा कि जारी किए गए दिशा-निर्देशों से दूरसंचार विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को लाइसेंस नीति, नियम और प्रक्रियाओ को समझने में मदद मिलेगी जिससे आगे सेवा प्रदाता कंपनियां भी लाभान्वित होगी।

श्री सिन्‍हा ने कहा कि संचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयां  देशभर में दूरसंचार विभाग की नीतियों के नियोजन, निगरानी और क्रियान्‍वयन में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि नए दिशा-निर्देश टेलीकॉम क्षेत्र से जुडे सभी लोगों के लिए काफी महत्‍वपूर्ण होंगे। संचार मंत्री ने कहा कि संचार विभाग ने लाइसेंस करार, सीएएफ सत्‍यापन तथा ईएमएफ सहित लाइसेंस से जुड़े विभिन्‍न मामलों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि संचार विभाग की इकाइयां  सभी राज्‍यों तक पहुंच चुकी हैं, इनके बीच समन्‍वय बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। उन्‍होंने कहा कि इन इकाइयों के बीच की दूरी को पाटने तथा टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ समन्‍वय बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देशों का वृह्द संकलन जरूरी हो गया था। दूरसंचार महानिदेशक सुनील कुमार ने इस अवसर पर कहा कि ये दिशा-निर्देश सिर्फ दूरसंचार की क्षेत्रीय इकाइयों में काम करने वाले अधिकारियों के लिए उपयोगी नहीं होंगे बल्कि इससे कई सेवा प्रदाता भी लाभान्वित होंगे।  

PIB, Delhi