09 मई से 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू, वैक्सीन का डोज जिले को पर्याप्त मात्रा में मिली

09 मई से 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू, वैक्सीन का डोज जिले को पर्याप्त मात्रा में मिली

कोविड मुक्त ज़िला बनाने को जी जान से लगा है ज़िला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग

वैक्सीनेशन के साथ साथ कोविड टेस्टिंग संख्या में वृद्धि जरूरी – डॉ आलोक घोष, डीएम

ANA/Arvind Verma

खगड़िया। जिलाधिकारी डॉ० आलोक रंजन घोष ने जिले में 09 मई से प्रारंभ हो रहे 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के वैक्सीनेशन कार्य की तैयारियों की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कोविड संक्रमण के दूसरे लहर के तेज गति से विस्तार से निपटने के लिए वैक्सीनेशन के साथ ही कोविड टेस्टिंग को भी महत्वपूर्ण माना। जिलाधिकारी ने सभी सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन के आधार पर 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने का निर्देश दिया। इसके लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की डोज जिले को प्राप्त हो चुकी है। वैक्सीन लगवाने से पहले रजिस्ट्रेशन एवं स्लॉट बुकिंग होनी चाहिए। कोविड वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पहले की ही तरह है। कोविड पोर्टल https://selfregistration.cowin.gov.in/ पर या आरोग्य सेतु ऐप या उमंग ऐप के जरिये वैक्सीन के लिए कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जिले में कोविड टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग को दिया, ताकि लॉकडाउन के दौरान ही संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित कर जिले को कोविडमुक्त किया जा सके।वर्तमान में जिले में कोविड सैम्पलिंग की संख्या 1300 है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। अभी आरटीपीसीआर के माध्यम से 500 कोविड टेस्ट एवं ट्रूनेट के माध्यम से 100 कोविड टेस्ट कराए जा रहे हैं, शेष टेस्ट रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से हो रहे हैं। उन्होंने रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। कोविड संक्रमित व्यक्ति का पता चलने पर तुरंत उपचारात्मक कदम उठाकर संक्रमण के विस्तार को नियंत्रित किया जा सकता है एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग भी कराया जा सकता है। कोविड सैंपलिंग के लिए प्रखंड पंचायत स्तर पर माइक्रो प्लान बनाकर टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने मोबाइल टीम के माध्यम से भी टेस्टिंग कराने का निर्देश दिया। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सदर अस्पताल में पूर्व की भांति टेस्टिंग होती रहेगी। आवश्यकतानुसार एक से अधिक मोबाइल टीम भी प्रखंडों में कार्यरत रह सकती है। इस बैठक में उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी देवनंदन पासवान के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ एवं केयर इंडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।