राष्ट्रीय एकता में हिन्दी के महत्व पर विचार

राष्ट्रीय एकता में हिन्दी के महत्व पर विचार

सरकारी दिशा निर्देशों के अनुरूप हिन्दी का करें प्रयोग – मोo राशिद आलम, अपर समाहर्ता

ANA/S.K.Verma

खगड़िया। अपर समाहर्ता मोहम्मद राशिद आलम एवं उप विकास आयुक्त संतोष कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में हिंदी दिवस, 14 सितंबर के अवसर पर एक कार्यक्रम समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित किया गया। अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा हिंदी भाषा के विकास, राजकाज में इसके प्रयोग, हिंदी को बढ़ावा देने के उपायों, हिंदी के मानक रूप को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय एकता में हिंदी के महत्व आदि विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए। विदित हो कि आज ही के दिन संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया था और इसी की स्मृति में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी के सरकारी कामकाज में प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 343 और 351 में प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास कराए, जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके। बिहार में भी राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के विकास एवं संवर्धन के लिए सतत प्रयास किया जा रहा। अधिक से अधिक सरकारी कामकाज हिंदी भाषा में किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में अपर समाहर्ता ने सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए कहा कि जरूरत इस बात की है कि हम हिंदी को इसके सरल रूप में अपनाकर अपने सभी सरकारी काम हिंदी भाषा में करें। हिंदी के प्रयोग के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। हम अपने दैनिक कार्यों में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करें। इस कार्यक्रम में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मोहम्मद फैयाज अख्तर, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय रंजीत कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया अमित अनुराग सहित सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्तागण एवं विभिन्न शाखाओं के कर्मी शामिल हुए। सबने हिंदी के सरकारी कामकाज में प्रयोग को बढ़ावा देने और इसके सरल एवं सहज रूप में प्रयोग करने का प्रण लिया।