मुझ पर लगाया गया आरोप बिल्कुल निराधार – अमित अनुराग, एसडीओ
कड़कदार और ईमानदार ऑफिसर को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों पर सरकार करे कार्रवाई – डॉ अरविन्द वर्मा, चेयरमैन
ANA/Indu Prabha
खगड़िया। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि एक कड़क और ईमानदार पदाधिकारी जब अपने अधीनस्थ कर्मियों से विभागीय नियमानुसार ससमय कार्यों को निरंतर संपादित करने को कहा जाता है, नहीं करने पर कार्रवाई करते हैं, अवैध रूप से अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण पूछते हैं और उनके वेतन से कटौती कराने की अनुशंसा करते हैं तो ऐसे कर्मी कड़कदार और ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ एक से एक षड्यंत्र रच कर, राजनीतिज्ञों से मिलकर नया नया शगूफा छोड़ते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का प्रयास करते हैं। और तो ओर कभी कभी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कई मनगढ़ंत आरोप भी लगा
बैठते हैं। कहीं, ऐसा ही वाकिया सदर एसडीओ अमित अनुराग के आवास पर बिहार रक्षा वाहिनी के जवानों ने तो नहीं किया ? उक्त बातें, बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने मीडिया से कही। डॉ वर्मा ने घटित घटना की वस्तु स्थिति से अवगत होने को लेकर एसडीओ अमित अनुराग के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात किया। बिहार रक्षा वाहिनी द्वारा उनपर लगाए गए आरोप के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा मुझ पर लगाया गया आरोप बिल्कुल निराधार है। वो लोग चाहते थे चार में से तीन ड्यूटी पर रहेंगे और एक एक कर बारी बारी से अनुपस्थित रहेंगे। इस पर मैंने असहमति जताई। आपातकालीन स्थिति में रात्रि के समय कभी कभी अनावश्यक रूप से मुझे मुख्य गेट पर रुकना पड़ता था, अनाधिकृत व्यक्ति को बगैर मेरे इजाजत के आवास में प्रवेश करा देता था, अपने इच्छानुसार ही ड्यूटी करना चाहता था। इसिको लेकर उन लोगों ने मुझ पर मनगढ़ंत आरोप लगाया, जो निराधार है। यह पूछे जाने पर की अभी आपके सुरक्षा में कौन ड्यूटी पर है ? इसपर एसडीओ अमित अनुराग ने कहा फिलहाल कोई नहीं है। मैंने संबंधित बिहार रक्षा वाहिनी के जवानों द्वारा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने या गायब रहने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दिया है। उनके निर्देश का इंतजार कर रहा हूं। बिहारी पॉवर ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ अरविन्द वर्मा ने ज़िला पदाधिकारी अमित कुमार पाण्डेय, आरक्षी अधीक्षक अमितेश से आग्रह पूर्वक निवेदन किया है कि अपने स्तर से घटना की जांच करें और अनुशासन हीन कर्मियों को दंडित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो सके। डॉ वर्मा ने कहा हमें याद है इसी खगड़िया के अनुमंडल पदाधिकारी के रुप में संतोष मैथ्यू पदस्थापित थे। वे कड़कदार और ईमानदार ऑफिसर थे। उनके आवास में कई बार चोरी की घटना घटी थी, सिर्फ उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से। एक बार अतिक्रमण मुक्त कराते समय एक कांग्रेसी नेता ने एसडीओ सन्तोष मैथ्यू से कहा अतिक्रमण की कार्रवाई बंद करें वरना चौबीस घंटे के अन्दर आपका ट्रांसफर करवा दूंगा। इसपर एसडीओ सन्तोष मैथ्यू ने उनसे कहा मैं चौबीस मिनट में आपका अतिक्रमित घर ध्वस्त कर दूंगा। फिर क्या था सैकडों मजदूरों के साथ एसडीओ सन्तोष मैथ्यू उस नेता के घर पहुंच कर अतिक्रमित मकान ध्वस्त कर आम जनता को दिखा दिया कि नियम कानून सबों के लिए बराबर है। वैसे कर्मठ और ईमानदार ऑफिसर की चर्चा आज भी होती है। यह भी सही है है की आज के दौर में विरले अधिकारी ही संतोष मैथ्यू की तरह होते हैं। जब से एसडीओ के रुप में अमित अनुराग पदस्थापित हैं अबतक के उनके कार्य कलापों से अवगत हो लोग अक्सर कह बैठते हैं “लगै छै सन्तोष मैथ्यू के दोसर रूप में अमित अनुराग आयल छथीन”। डॉ वर्मा ने कहा हर हाल में कड़कदार और ईमानदार ऑफिसर को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों को दंडित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करे सरकार तभी सुशासन बाबू के सपने होंगे साकार।