चिड़ियों की चहचहाहट वापसी हेतु गोरैया पक्षी का संरक्षण जरुरी – महर्षि अरविन्द
विश्व गोरैया दिवस पर कृत्रिम घोसलों का करें निर्माण, छत पर रखें दाना पानी – महर्षि अरविन्द
ANA/Indu Prabha
खगड़िया। चिड़ियों की चहचहाहट वापस लाने के लिए जरुरी हो गया है कृत्रिम घोसलों का निर्माण और छत पर दाना पानी रखना।आज शहर हो या गांव गौरैया पक्षी की चहचहाहट दिनों दिन गायब हो रही है। गौरैया पक्षी की आबादी में निरंतर कमी आ रही है। उक्त बातें, अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द ने “विश्व गोरैया दिवस” के अवसर पर मीडिया से कही। आगे उन्होंने कहा नेचर फॉर एवर सोसाइटी नामक संस्था ने 2010 ईo से ही गोरैया पक्षी के संरक्षण के उद्देश्य से हर वर्ष गोरैया दिवस मनाना शुरू किया था। महर्षि अरविन्द ने आमजनों से अपील किया कि आज के दिन खोई हुई चिड़ियों की चहचहाहट वापस लाने का संकल्प लें। आगे उन्होंने कहा विश्व के विभिन्न देशों में पाई जाने वाली पक्षी गोरैया बहुत छोटी होती है जो शहरों की अपेक्षा गांवों में रहना ज्यादा पसंद करती है। गोरैया अनाज और कीड़े खाकर ही अपना जीवनयापन करती है। आगे महर्षि अरविन्द ने कहा गोरैया पक्षी के संरक्षण हेतु जनजागरण निहायत जरुरी है। आमलोगों को जागरुक होना होगा। इस वर्ष का थीम है “आई लव गोरैया” ।