खगड़िया जिले में 120 पोषण वाटिका विकसित करने का लक्ष्य, न्यूट्री गार्डेन कीट का हुआ वितरण
ANA/Indu Prabha
खगड़िया। जिला पदाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया में सबौर कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से राष्ट्रीय पोषण मिशन संबद्ध समेकित बाल विकास सेवा परियोजना अंतर्गत आयोजित पोषण वाटिका के लिए न्यूट्री गार्डन किट का वितरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। यह पोषण वाटिका गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं कुपोषित बच्चों हेतु विशेष उपयोगी है। जिलाधिकारी के साथ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान द्वारा संयुक्त रुप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 40 आंगनवाडी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित करने हेतु फलदार पौधों यथा आम लीची अमरूद अनार एवं सहजन तथा साथ में पोषण वाटिका उपकरणों यथा मोटर, पाइप, कुदाल, स्प्रेयर, हैंड कल्टीवेटर, खुरपी, सिकल, स्प्रिंकलर आदि का वितरण किया गया। साथ-साथ ही साग-सब्जियों का बीज,बायोपेस्टिसाइड,बायोइंसेक्टिसाइड आदि का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में मौसमी साग-सब्जियों को भी पोषण वाटिका में हर मौसम में लगाने का निदेश दिया। उन्होंने जुलाई माह में उगने वाली सब्जियां यथा भिंडी, लौकी, नेनुआ आदि को लगाने की सलाह भी दी। इससे आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकित बच्चों को विशेष फायदा होगा।जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस ने उपस्थित आंगनवाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को सभी प्रशिक्षण में नियमित रूप से भाग लेने का निर्देश दिया, ताकि प्रशिक्षण से प्राप्त कौशल एवं तकनीक का प्रयोग पोषक वाटिका के संचालन में किया जा सके। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ अनिता कुमारी ने पोषण वाटिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बतलाया कि केंद्र को जिले में कुल 120 पोषण वाटिका विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था, परंतु कोरोना महामारी के कारण यह कार्यक्रम प्रभावित हुआ। आगामी माह तक कृषि विज्ञान केंद्र इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। पोषण वाटिका के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों में कुपोषण और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में डीपीओ, आईसीडीएस सुनीता सी एन के सिंह (कीट वैज्ञानिक), डॉ विकास बाजपेई, जितेंद्र कुमार (शस्य वैज्ञानिक), पवन कुमार, सोनी कुमारी सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे। 40 आंगनवाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक किया।