एसडीओ अमित अनुराग का बुलडोजर चला गौशाला के जर्जर स्टॉलों पर
150 नए स्टॉल बनाकर बेरोजगारों को दिए जायेंगे किराए पर स्वरोजगार में मिलेगा सहयोग – अमित अनुराग, एसडीओ सह अध्यक्ष
अलौली, चौथम और खगड़िया के अधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारीगण दे रहे हैं बुलडोजर चलाने में सहयोग
ANA/Arvind Verma
खगड़िया। कहते हैं इच्छा शक्ति अगर मजबूत तो समय रहते असंभव भी संभव हो सकता है। वही कर दिखाया सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह अध्यक्ष (पदेन) अमित अनुरग ने गौशाला कमिटी के स्टॉलों पर वर्षों से कब्जा जमाए स्टॉल धारियों के जर्जर स्टॉल पर बुलडोजर चलाकर असंभव को संभव कर। गौशाला के अधिकांश स्टॉलधारी वर्षों से निर्धारित मासिक किराया की राशि भी नहीं दे रहे थे। बार बार अध्यक्ष सह अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बकाए राशि का भुगतान करने से सम्बन्धित नोटिस स्टेलधारियों को दिया पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगा। मरम्मती के अभाव में वर्षों पुराना स्टॉल जर्जर हो चुका है। गौशाला कमिटी की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो, स्टॉल से निरन्तर बतौर किराया की राशि मिलती रहे इसके लिए नए नए स्टॉल बनाने की योजना है। इसी को मद्दे नज़र सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह अध्यक्ष
अमित अनुराग ने ज़िला पदाधिकारी को स्थिति की अद्यतन जानकारी देते हुए उनकी सहमति से बुलडोजर चलाने जैसा कठोर कदम उठाया। इस कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। पुराने और जर्जर स्टॉल को ध्वस्त करने में नगर परिषद, खगड़िया के कार्यपालक पदाधिकारी रवि कुमार के अलावा अलौली एवं चौथम के बीडीओ, सीओ, कार्यपालक पदाधिकारियों तथा मुफस्सिल थाना के थानाध्यक्ष एवं पुलिस कर्मियों का पूरा सहयोग गौशाला कमिटी को मिल रहा है। प्राप्त सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है की कुछ मतलबी सदस्यगण स्टॉल धारियों और गौशाला कमिटी के बीच तकरार और षडयंत्र रच कर स्थिति को विस्फोटक बनाना चाहते हैं, जिसे चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी। पता तो यहां तक चला है कि कुछ स्टॉल धारी गुपचुप तरीके से जुलाई माह तक किराए की राशि जमा कर कमिटी से रसीद भी प्राप्त कर लिए हैं। क्या सच, क्या झूठ इसकी सत्यता तो जांचोपरांत ही हो पायेगा। गौशाला कमिटी के अध्यक्ष सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी अमित अनुराग ने पूछने पर दूरभाष पर इस मीडिया से कहा गौशाला की जमीन पर निकट भविष्य में 150 नया स्टॉल बना कर बेरोजगारों को किराया पर दिया जायेगा जिससे उन्हें स्वरोजगार करने में मदद मिलेगी और उनके परिवार का भरण पोषण सही तरीके से हो सकेगा। दूसरी तरफ़ गौशाला कमिटी की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और गौशाला को अति आधुनिक बनाया जा सकेगा।